01 January, 2009

दुष्वार हो गया

मिलोंके फांसले तो तय कर लिये थे, आखरी दो कदम चलना दुष्वार हो गया,
बहोत हसीं ख्वाबोंको देख लिया था, हकिकतको देख लेना दुष्वार हो गया,
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जिन अश्कोंको पलकोंमें कैद कर लिया था, सैलाबको रोकना दुष्वार हो गया,
गमोंको जैसे दुर छोड दिया था, उसीके सायेमें खुद्को पाना दुष्वार हो गया,
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झमानेभरकी बातोंको सुन लिया था, एक चुप्पीको सुन लेना दुष्वार हो गया,
तनहाइयोंमे रोना सिख लिया था, मेह्फिलमे हंस पाना दुष्वार हो गया,
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जिन रिश्तोंको फुलोंसे बनाया था, उसीके बोझ तले दब जाना दुष्वार हो गया,
सपनेमें अपने देखा करते थे, पर सपनेमें हि अपनेको देखना दुष्वार हो गया,
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मौतके इन्तेझारमें जिना सिख लिया था, उसी मौतको दुर होते देखना दुष्वार हो गया,
सीसकती सांसोके साथ बहोत जी लिया था, आखरी दो सांस ले पाना दुष्वार हो गया
नम्रता अमीन
३१/१२/२००८

3 comments:

sneha-akshitarak said...

मौतके इन्तेझारमें जिना सिख लिया था, उसी मौतको दुर होते देखना दुष्वार हो गया,


su lakhe che yar...dil ma dard na sailab uthi jay che...thodu hastu ramtu pan kaik lakho cho tame devi ji? aasha che ahve pachi ni rachna halki fulki ane pahela pa ame vanchel che..khari che tu to.oye....evu kai vanchva mali rahe..keep it up.

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

નીતા કોટેચા said...

मौतके इन्तेझारमें जिना सिख लिया था, उसी मौतको दुर होते देखना दुष्वार हो गया,
सीसकती सांसोके साथ बहोत जी लिया था, आखरी दो सांस ले पाना दुष्वार हो गया



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